आजकल की फिल्मों और टीवी सीरियल्स देख-देखकर आजकल के बच्चे भी कहानी बनाने लगे हैं। एक छात्र ने अपने ही अपहरण की कहानी बनाकर परीक्षा से बचने की कोशिश की है। छात्र परीक्षा नहीं देना चाहता था क्योंकि वो परीक्षा के लिए कुछ पढ़ा ही नहीं था।
छात्र ने अपने अपहरण की खबर फैलाई और उसके बाद परीक्षा के समय स्कूल भी पहुंचा और रोते हुए प्राचार्य को बताया कि चाकू की नोंक पर मेरा अपहरण हो गया था। मैं किसी तरह से भागकर स्कूल आया हूं। प्राचार्य ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी। सूचना मिलते ही पुलिस स्कूल पहुंच गई और तब जाकर अपहरण की झूठी कहानी का खुलासा हुआ।
मिली जानकारी के अनुसार तिलकेजा निवासी अजय यादव (15) गांव के ही सरकारी स्कूल में 8वीं का छात्र है। अजय के पिता गांव में ही खेती-किसानी का काम करते हैं। स्कूल में परीक्षा चल रही हैं। अजय भी सुबह 9.30 बजे अपने घर से स्कूल जाने निकला था। इसके बाद वह करीब 10.30 बजे स्कूल पहुंचा। वहां वह काफी घबराया हुआ था। स्कूल पहुंचते ही छात्र ने स्कूल के प्राचार्य एल.के श्रीवास्तव से मुलाकात की। छात्र ने प्राचार्य को बताया कि मैं स्कूल आ रहा था। इसी बीच रास्ते में मुझे बाइक सवार 2 लोगों ने किडनैप कर लिया था। मैं किसी तरह से वहां से बचकर आया हूं, मुझे डर लग रहा है। प्राचार्य ने पुलिस को इसकी सूचना दी। सूचना मिलने पर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। स्कूल पहुंचने पर पुलिस ने छात्र से बात की। तब छात्र घबराने लगा। उसने पहले तो पुलिस को भी वही कहानी बताई, जो प्राचार्य को बताई थी। मगर पुलिस को उस पर शक हुआ। पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो छात्र ने बताया कि परीक्षा के भय से झूठी कहानी रची थी। छात्र ने बताया कि मैंने पढ़ाई नहीं की थी। इसलिए मैं परीक्षा नहीं देना चाहता था। उसने बताया कि मैं स्कूल जाने के लिए निकला था। रास्ते में 2 बाइक सवार मिल गए तो मैंने उन्हें रोक लिया। फिर बीच में उनके साथ बैठ गया और स्कूल की तरफ ना जाकर किसी और तरफ चला गया था। वे लोग गांव के नहीं थे। इसलिए उन्हें पता नहीं चला कि स्कूल किस तरफ है। वे मुझे छोड़कर चले गए थे। छात्र के घर से स्कूल की दूरी 3 किलोमीटर है। छात्र ने बताया कि मैं बाइक के बीच में इसलिए बैठा कि लोगों को लगे कि मेरा अपहरण हुआ है। पुलिस ने उसे समझाईश देने के बाद परिजनों के हवाले कर दिया है।