एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में अंबिकापुर राज्य का सबसे स्वच्छ शहर, कोरबा दूसरे नंबर पर
छत्तीसगढ़ की अनूठी पहल…राज्य ने स्वच्छता कर्मियों को सम्मान समारोह में शामिल होने दिल्ली भेजा
स्वच्छता सर्वेक्षण के इंडियन स्वच्छता लीग (आईएसएल) में छत्तीसगढ़ के आठ शहरों ने मारी बाजी….सात नगरीय निकाय पहले नंबर पर..एक को दूसरा स्थान
बेस्ट परफॉर्मिंग श्रेणी में छत्तीसगढ़ को दूसरा स्थान
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राज्य की उपलब्धि पर सभी नागरिकों को बधाई दी
स्वच्छ सर्वेक्षण में एक बार फिर छत्तीसगढ़ ने देशभर में परचम लहराया है । छोटे शहरों की कैटेगरी में दुर्ग जिले के पाटन ने ईस्ट जोन में पहला और देश में दूसरा स्थान पाया है । वहीं स्वच्छ शहरों में अंबिकापुर ने अपनी बादशाहत कायम रखी है । बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट की श्रेणी में छत्तीसगढ़ दूसरे स्थान पर रहा ।
दिल्ली के ताल कटोरा स्टेडियम में आयोजित स्वच्छ अमृत महोत्सव में एक बार फिर छत्तीसगढ़ ने स्वच्छता में बाजी मारी है। छत्तीसगढ़ के नगरीय प्रशासन एवं श्रम मंत्री श्री शिव डहरिया ने आवासन और शहरी कार्य मंत्री श्री हरदीप पुरी के हाथों सम्मान ग्रहण किया । कार्यक्रम में संयुक्त सचिव श्री आर एक्का, सूडा के सीईओ एवं मिशन डायरेक्टर श्री सौमिल रंजन चौबे , एडिशनल सीईओ श्री आशीष टिकरिया भी उपस्थित रहे ।
एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में अंबिकापुर राज्य में पहले नंबर और कोरबा दूसरे नंबर पर रहा ।
ईस्ट जोन में 25- 50 हजार आबादी की श्रेणी में सिटीजन फीडबैक अवॉर्ड से बलौदाबाजार पुरस्कृत किया गया । इसके साथ ही स्वच्छता सर्वेक्षण के इंडियन स्वच्छता लीग (आईएसएल) में छत्तीसगढ़ के आठ शहरों ने बाजी मारी है. इनमें से सात नगरीय निकाय पहले नंबर पर और एक दूसरे स्थान पर रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की इस उपलब्धि पर सभी नागरिकों को बधाई देते हुये कहा है कि सभी नागरिकों की स्वच्छता के प्रति जागरूकता से राज्य के इतने शहरों को पुरस्कार मिला है ।
स्वच्छ सर्वेक्षण का पुरस्कार समारोह शनिवार को तालकटोरा स्टेडियम, नई दिल्ली में आयोजित किया गया। राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मु ने विजयी नगरीय निकायों को पुरस्कृत किया।
शुक्रवार को इंडियन स्वच्छता लीग (आईएसएल) में विजयी शहरों का ऐलान किया गया । इंडियन स्वच्छता लीग में अलग-अलग वर्गों के तहत 15 हजार से कम आबादी वाले नगरीय निकायों में भटगांव और माना कैंप, 15 से 25 हजार की आबादी में खैरागढ़, 25 से 50 हजार की आबादी वाले निकाय में जशपुर नगर और कोंडागांव, 50 हजार से 1 लाख में बिरगांव, 1 लाख से 3 लाख की आबादी में अंबिकापुर प्रथम स्थान प्राप्त किये हैं, वहीं 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में रायपुर ने दूसरा स्थान प्राप्त किया है ।
पाटन स्वछता में अग्रणी क्यों….
1. नरवा, गरवा घुरवा, बाड़ी और स्वच्छता के कन्वर्जेंस का इंटीग्रेटेड मॉडल
2. देश का सर्वप्रथम आई ई सी एक्सपेरियेंस जोन
3. देश का सर्वप्रथम 5 स्टार छोटा शहर
4. देश का प्रथम ODF शहर
5. यहाँ के नागरिक स्वच्छता सुविधाओं से पूरी तरह संतुष्ट होने के कारण शहर सिटीजन फीडबैक में आगे
6. छोटे शहरों का प्रदेश में पहला मलबा प्रसंस्करण प्लांट
7. पूरे देश हेतु रोल मॉडल 3 मार्च को समस्त राज्य की टीम द्वारा भ्रमण
8. अर्बन गोठान का उत्कृष्ठ कार्य के साथ कचरा और गोबर का 100 प्रतिशत खाद निर्माण
9. मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना के माध्यम से स्वच्छता कर्मियों का इलाज
ऐसे हुआ सर्वे- स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 हेतु राज्य के समस्त 169 नगरीय निकायों ने भाग लिया है । इस हेतु विगत 08 माह से लगातार सर्वे की टीम निकायों के भ्रमण पर रही है। सर्वे की टीम द्वारा निकायों में मिशन क्लीन सिटी, स्वच्छता श्रृंगार, सुविधा 24, गोधन न्याय योजना, निदान-1100, निष्ठा आदि राज्य प्रवर्तित योजनाओं के साथ-साथ स्वच्छ भारत मिशन की प्रगति का निरीक्षण किया। निकायों के निरीक्षण उपरान्त ओडीएफ की स्थिति पूर्व वर्षों की तरह ही अच्छी पायी गई।
राज्य शासन द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान आयोजित जन-जागरण प्रतिनिधियों जैसे महापुरूषों की प्रतिमाओं की नागरिकों द्वारा साफ-सफाई, चौराहों की ब्रांडिंग, स्मारकों का रख-रखाव आदि में भी राज्य के निकायों के उत्कृष्ट प्रदर्शन का आधार बनी ।
छत्तीसगढ़ की अनूठी पहल…राज्य ने स्वच्छता कर्मियों को सम्मान समारोह में शामिल होने दिल्ली भेजा
स्वच्छता सर्वेक्षण का सम्मान समारोह में पुरस्कार लेने के लिये छत्तीसगढ़ राज्य ने प्रत्येक शहर से स्वच्छता दीदी को दिल्ली भेजा है । इनमें पाटन- लता मंडलेश, अंबिकापुर -शशिकला सिन्हा, भिलाई चरोदा -सुनीति वर्मा, चिरिमीरी- अनामिका विश्वकर्मा,अकलतरा -गौरी बाई खांडे,बलोदा बाजार -सुभाषिनी शेंद्रे, बलरामपुर -कलमनी देवी, कवर्धा -निशा खान, जशपुर नगर- राखी सिंह, विश्रामपुर -भारती गुप्ति और खोंगापानी से सुधा मिश्रा एवं सम्बंधित नगरीय निकायों के अध्यक्ष, सीएमओ शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि किसी भी शहर या राज्य ने ये पहल नहीं की है।