महात्मा गांधी के स्वावलंबी गांवों के सपने को साकार करने में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की होगी महत्वपूर्ण भूमिका: मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल

विभिन्न जिलों में लगभग 300 रूरल इंडस्ट्रियल पार्क का किया वर्चुअल भूमिपूजन

योजना के प्रथम चरण में प्रत्येक विकासखण्ड में बनाए जा रहे है दो रूरल इंडस्ट्रियल पार्क

इस वर्ष के बजट में 600 करोड़ रूपए का प्रावधान

हर इंडस्ट्रियल पार्क में एक करोड़ रूपए की राशि से की जा रही है वर्किंग शेड और एप्रोच रोड के निर्माण, बिजली-पानी उपलब्ध कराने और युवाओं के प्रशिक्षण की व्यवस्था

ग्रामीण युवा भी रीपा में लगा सकेंगे अपना उद्योग

मुख्यमंत्री (CMO Chhattisgarh) श्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने आज गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) के अवसर पर छत्तीसगढ़ शासन (Govt. of Chhattisgarh) की महत्वाकांक्षी ‘महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना‘ (Mahatma Gandhi Rural Industrial Park Yojana) का शुभारंभ करते हुए प्रदेश के विभिन्न जिलों में 300 रूरल इंडस्ट्रियल पार्क का भूमिपूजन और शिलान्यास किया।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर ग्रामीण गरीब परिवारों के लिए रोजगार और आय के साधन उपलब्ध कराने के लिए गांव के गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके लिए यहां विभिन्न आजीविकामूलक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि महात्मा गांधी के स्वावलंबी और आत्मनिर्भर गांवों के सपने को साकार करने में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इस योजना के माध्यम से गांवों को स्वावलंबी बनाने की दिशा में मजबूती से कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि गांधी जी का मूलमंत्र है श्रम का सम्मान, इसके लिए हमारी सरकार कटिबद्ध है। राज्य सरकार व्यक्ति को केन्द्र में रखकर योजनाएं बना कर संचालित कर रही है। जिससे उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आए। वे आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रथम चरण में 300 रूरल इंडस्ट्रियल पार्क विकसित किए जा रहे हैं। इसके लिए गौठानों में एक से तीन एकड़ भूमि में पार्क के लिए आरक्षित की गई है। प्रथम चरण में प्रत्येक विकासखण्ड में दो गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है। राज्य सरकार के बजट में इस योजना के लिए 600 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। स्वीकृत सभी रूरल इंडस्ट्रियल पार्काें को एक-एक करोड़ रूपए की राशि उपलब्ध कराई गई है। इस राशि से इन पार्काें में वर्किंग शेड और एप्रोच रोड के निर्माण के साथ बिजली-पानी की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ युवाओं के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा रही है। सुराजी गांव योजना (Suraji Gaon Yojana) के तहत विकसित किए गए गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट के निर्माण, मुर्गी पालन, बकरी पालन, कृषि और उद्यानिकी फसलों तथा लघु वनोपजों के प्रसंस्करण की इकाईयां स्थापित की जा रही है। साथ ही आटा-चक्की, दाल मिल, तेल मिल की स्थापना भी की जा रही है। इन गतिविधियों में ग्रामीण क्षेत्र में बड़ी संख्या में स्व-सहायता समूहों की महिलाओं और युवाओं को रोजगार के साथ आय के अच्छे साधन मिल रहे हैं। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी हो रही है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग (Panchayat and Rural Development Department) को इस योजना के लिए नोडल विभाग बनाया गया है।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) की जयंती के अवसर पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी तथा छत्तीसगढ़ महतारी (Chhattisgarh Mahatari) के चित्र पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के ‘लोगो‘ का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में गौठानों में तैयार किए गए उत्पादों का किट भेंटकर अतिथियों का स्वागत किया गया।

मुख्यमंत्री निवास में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित कार्यक्रम में गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू (Home Minister Tamradhwaj Sahu), पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री रविंद्र चौबे (PRD Minister Ravindra Chaubey), वनमंत्री श्री मोहम्मद अकबर (Forest Minister Mohammad Akbar), महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया (WCD Minister Anila Bhendiya), संसदीय सचिव श्री चंद्रदेव प्रसाद राय और श्री विनोद सेवन लाल चंद्राकर, राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत राजेश्री रामसुंदर दास, राज्य नागरिक आपूर्ति निगम अध्यक्ष श्री राम गोपाल अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, राजीव गांधी फाउंडेशन के सीईओ श्री विजय महाजन और पर्यावरणविद् श्री अशोक खोसला, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) से आत्मनिर्भर गांव का महात्मा गांधी का सपना पूरा होगा। गांधी जी ने ग्राम स्वराज की कल्पना की, उसे साकार करने के लिए हमारी सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है, नरवा गरुवा घुरूवा बाड़ी योजना से उसी दिशा में कार्य हो रहा है। गोबर से वर्मी कम्पोस्ट, दीया बन रहा है, अब पेंट भी बन रहा है। बाड़ी योजना से महिलाएं स्वावलम्बी हो रही है, कुपोषण से भी लड़ने में बाड़ी योजना सहायक हो रही है। गौठान का स्वरूप अब बदल रहा है, रोजगार के लिए ट्रेनिंग देने का कार्य यहां होगा। कुपोषण से लड़ाई और आय में वृद्धि दोनों कार्य महिलाएं कर रही हैं। मिलेट्स का उचित दाम मिल रहा है, मिलिंग के बाद मिलेट्स 120 रुपये किलो में बिक रहे हैं। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के चयनित गौठानों को आजीविका के केन्द्र के रूप में विकसित करने के लिए वहां महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क बनाए जा रहे हैं। इन पार्कों को ग्रामीण उत्पादन एवं सेवा केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों में तैयार उत्पादों के विक्रय की व्यवस्था का ख्याल हमें रखना है, बारदानों के निर्माण का कार्य रीपा में हमें करना है, ये बहुत बड़ा उद्योग है, बलौदाबाजार की महिलाएं रीपा के तहत बारदाने के निर्माण का कार्य करना चाह रही हैं, ये बहुत खुशी की बात है। प्रत्येक जिले में सी मार्ट खोले गए हैं, ताकि उत्पादन करने वाले समूहों को सही दाम मिल सके। उत्पादक को अब मांग के अनुरूप उत्पादन की चिंता करनी है, आर्थिक दृष्टि से यह आवश्यक है कि मांग के हिसाब से उत्पादन हो। आवश्यकता और स्थानीय संसाधनों को देखते हुए यह तय करना होगा कि कौन से रीपा में किन वस्तुओं का उत्पादन हो, उनके विक्रय की पुख्ता व्यवस्था करने के साथ उत्पादकों को उनके द्वारा निर्मित उत्पादों का मूल्य कैसे सुगमतापूर्वक पहुंचाया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के ऐसे युवा जो अपना उद्योग प्रारंभ करना चाहते हैं, उन्हें भी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में स्थान उपलब्ध कराया जाना चाहिए। रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में कृषि और उद्यानिकी उपजों और लघु वनोपजों के प्रसंस्करण और वैल्यू एडिशन तथा तैयार उत्पादों की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मार्केटिंग के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इसके लिए टाटा टेक्नोलॉजिस के साथ राज्य योजना आयोग ने एमओयू किया है।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे (Ravindra Chaubey MLA) ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि रूरल इंडस्ट्रियल पार्क छत्तीसगढ़ के विकास की गाथा को नई ऊंचाईयों तक पहुंचाएगा। यहां युवाओं के लिए आजीविका मूलक गतिविधियों में निरंतर प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जाएगा। गौठानों में जो आर्थिक गतिविधियां प्रारंभ हुई है, उनसे ग्रामीण महिलाओं को आत्मविश्वास बढ़ा है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण महिलाएं और युवा मुर्रा उद्योग, पोहा उद्योग, दोना-पत्तल निर्माण, केले के रेशे से कपड़ा निर्माण, बारदाना उत्पादन जैसी नई-नई गतिविधियां प्रारंभ करने के इच्छुक है। छत्तीसगढ़ में 8600 गौठान तैयार किए गए हैं। बापू के ग्राम सुराज की परिकल्पना को साकार करने के लिए आने वाले समय में बाकी गौठानों में भी इस योजना के क्रियान्वयन की आवश्यकता है।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किए जा रहे जांजगीर-चांपा जिले के जर्वे, बेमेतरा जिले के अमलडीह, कांकेर जिले के सराघू नवगांव, बलौदाबाजार के लटुवा और रायगढ़ के डोंगीतराई गांव के गौठान में उपस्थित महिलाओं और युवाओं से चर्चा कर वहां संचालित गतिविधियों की जानकारी ली। स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना को राज्य शासन की अच्छी पहल बताते हुए कहा कि इस योजना से हमारा आत्मविश्वास बढ़ा है। परिवार में भी सम्मान मिल रहा है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू (Subrat Sahoo IAS) तथा मिशन संचालक राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (MD NRLM) श्री अवनीश शरण (Awaneesh Sharan IAS) ने महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना की विस्तार से जानकारी दी।