कलेक्टर डॉ.सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में चिकित्सा अधिकारियों की बैठक लेकर डेंगू एवं स्वाइन फ्लू के संबंध में विस्तार पूर्वक चर्चा की। उन्होंने कहा कि जिले में लोगों को स्वाइन फ्लू और डेंगू से बचाने के लिए नियमित रूप से निरीक्षण किया जाए। लोगों को इसके लक्षण, बचाव और इलाज के संबंध में विस्तृत रूप से जानकारी दें। जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में स्वाइन फ्लू एवं डेंगू के सेंपल संग्रहण का कार्य किया जाना चाहिए। इन सेंपलों का यथाशीघ्र परीक्षण कर पॉजिटिव आने वाले मरीजों का उपचार प्रारंभ किया जाए।
उन्होंने विगत वर्ष डेंगू के मरीजों के आकड़ों का परीक्षण किया। विगत वर्ष 520 डेंगू के मरीज मिले जबकि इस वर्ष 45 मरीज सामने आये। उन्होंने कहा कि इस वर्ष की संख्या में और वृद्धि न हो इसके लिए लोगों को जागरूक किया जाए। सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में दवाईयों का पर्याप्त उपलब्धता हो। कलेक्टर ने आमजनों से अपील की है कि नियमित रूप से हाथों को पानी एवं साबुन से निरंतर धोएं एवं सार्वजनिक जगहों पर न थूकें। संक्रमित व्यक्ति भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूर रहें और किसी के संपर्क में न आयंे। लोगों को यह भी ध्यान रखना होगा कि घर एवं आसपास पानी जमा ना होने दें। पानी जमा होने वाले को स्रोतों को नष्ट करें। जमा हुए पानी में जला हुआ मोबिल ऑयल तथा मिट्टी का तेल अवश्य डालें। कीटनाशक दवा का छिड़काव घरों के भीतर अवश्य करवाएं। मच्छर से बचने घरों के दरवाजे और खिड़कियां में जाली लगाएं। सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। टायर या पुराने बर्तन का पानी फंेक दे। कूलर पानी की टंकी, पक्षियों के पीने का पानी का बर्तन, फूलदान इत्यादि को प्रति सप्ताह तक खाली करें व धूप में सुखाकर प्रयोग करें। नारियल खोल, टूटे हुए बर्तन व टायरों में पानी जमा होने दें।
इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ. प्रकाश गुप्ता, जिला मलेरिया अधिकारी सहित अन्य चिकित्सा अधिकारी उपस्थित थे।