शासन के सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने सभी सरकारी विभागों को सरकुलर भेजकर नए सिरे से संविदा कर्मचारी, दैनिक वेतनभोगी और अनियमित दैनिक श्रमिकों की जानकारी मांग ली है। विभागों को यह जानकारी 7 दिन में शासन को देनी है। बिना नियुक्ति पत्र वाले दैनिक श्रमिकों और नियुक्ति-पत्र वाले दैनिक वेतनभोगियों की जानकारी अलग से मंगवाई गई है।

माना जा रहा है कि सरकार इन्हें सीधे ही नियमित कर देगी। इसमें जीएडी ने निगम, मंडल, आयोग, बोर्ड व संस्थाओं के कर्मचारियों को भी शामिल कर लिया है। खास बात यह है कि 2004 से लेकर 2018 एवं 2019 से 2023 के बीच रखे गए कर्मचारियों का अलग से ब्योरा मांगा गया है। मालूम हो कि भाजपा 2004 से 2018 तक और इसके बाद से कांग्रेस सत्ता में है।

नियुक्तिपत्र वाले संविदा कर्मियों की जानकारी अलग से मंगवाई

मिली जानकारी के अनुसार जो कर्मचारी संविदा पर काम कर रहे हैं, उनमें भी नियुक्तिपत्र धारकों की जानकारी अलग से मांगी गई है। केवल दैनिक वेतनभोगी की मांगी गई जानकारी में नियुक्ति पत्र का उल्लेख नहीं है। इसके अलावा, जीएडी ने सभी विभागों से ऐसे पदों की जानकारी मांग ली है, जिन पर सीधी भर्ती हो सकती है। इसीलिए माना जा रहा है कि संविदा कर्मचारियों को नियमित करने पर विचार किया जा रहा है। सूत्रों का दावा है कि 15 अगस्त को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जो भाषण देंगे, उनमें यह घोषणा की जा सकती है। गौरतलब है, सरकार ने मंगलवार को हड़ताली संविदा कर्मचारियों को तीन दिन का अल्टीमेटम देकर काम पर लौटने के लिए भी कह दिया है।

शासन ने विभागों से यह ब्योरा मांगा – 1 जनवरी 2004 से 31 दिसंबर 2018 तक

  • दैनिक वेतन भोगी, अनियमित नियुक्ति वाले तृतीय श्रेणी कर्मियों की संख्या

1 जनवरी 2019 से 31 जुलाई 2023 तक

  • सीधी भर्ती से प्रथम से चतुर्थ श्रेणी तक स्वीकृत व भरे पदों की जानकारी
  • इन पदों पर सामान्य, अजा-जजा व ओबीसी से भरे गए पदों की जानकारी

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