कलेक्टर श्री पुष्पेंद्र कुमार मीणा द्वारा जिला अधिकारियों के बैठक में दिए गए निर्देश के परिपालन में जिला शिक्षा अधिकारी श्री अभय जायसवाल द्वारा जिले के तीनों स्तरों हेतु जिला स्तरीय पीयर ग्रुप का निर्माण किया गया जिसकी बैठक 14 अक्टूबर को कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी दुर्ग में संपन्न हुआ।
बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी श्री जायसवाल द्वारा बताया गया कि यह ग्रुप स्वप्रेरित उत्कृष्ट शिक्षकों का ग्रुप है। मुख्य रूप से ग्रुप के माध्यम से उन स्कूलों के शैक्षिक गुणवत्ता का सुधार किया जाना है जिनके मासिक एवं त्रैमासिक परीक्षाओं का परिणाम 20 प्रतिशत से कम, 40 प्रतिशत से कम एवं 60 प्रतिशत से कम है। विभिन्न परीक्षाओं में निम्न स्तर प्रदर्शन वाले शालाओं के शिक्षकों का इस ग्रुप के माध्यम से उन्मुखीकरण किया जाएगा साथ ही ग्रुप के ही शिक्षक उन शालाओं में आदर्श अध्यापन कार्य करते हुए शाला के गुणवत्ता स्तर को अपग्रेड करेंगे।
श्री जायसवाल ने प्रश्न बैंक की महत्ता को प्रतिपादित करते हुए कहा कि विभिन्न प्रकार के प्रश्न जैसे की उपयुक्तता, विश्लेषण और सोचने की क्षमता को मापने के लिए शामिल किया जा सकते हैं, जिससे छात्रों के गुणवत्ता का मूल्यांकन किया जा सकता है। प्रश्न बैंक के माध्यम से छात्रों के प्रदर्शन का निरीक्षण किया जा सकता है और उन्हें अनुकूल ग्रेडिंग किया जा सकता है। शिक्षक को छात्रों की तैयारी के लिए उपयोगी प्रश्नों का चयन कर उन्हें प्राधिकृत बनाने में मदद मिल सकती है। इसमें शामिल प्रश्नों के माध्यम से नैतिक मूल्यों को प्रमोट करने का अवसर प्राप्त किया जा सकता है।
शिक्षा संस्थान और शिक्षक छात्रों के प्रदर्शनों का निरीक्षण करके सुधार किए जाने वाले क्षेत्र की पहचान किए जाने हेतु उन्होंने सभी ग्रुप के सदस्यों को प्रश्न बैंक बनाने का निर्देश दिया। उन्होंने ग्रुप के सदस्यों को मासिक टेस्ट त्रैमासिक परीक्षा तथा अर्धवार्षिक परीक्षा हेतु प्रश्न पत्रों के निर्माण के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि इन प्रश्न पत्र के माध्यम से छात्रों के निरंतर मूल्यांकन का अवसर प्राप्त होगा जिससे उनके शैक्षिक गतिविधियों का मूल्यांकन किया जा सकता है। जब शिक्षक ग्रुप के माध्यम से प्रश्न पत्र तैयार करते हैं तो छात्रों के प्रदर्शन को निरीक्षण कर सकते हैं। कमजोर क्षेत्र की पहचान करके उन्हें सुधार सकते हैं इससे छात्रों को विषय के प्रति पूरी तरह से तैयार करने में मदद कर सकती है।
इस प्रक्रिया के माध्यम से छात्रों को निरंतर पढ़ाई करने हेतु प्रोत्साहित किया जा सकता है, क्योंकि वह निरंतर नए प्रश्नों का समाधान करने के लिए प्रेरित होते हैं। प्रश्न पत्र छात्रों के बीच गुणवत्ता कि प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देते हैं जो उनके शैक्षिक प्रदर्शन को सुधार सकता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षा सिस्टम के पाठ्यक्रम डिजाइन और शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने जैसे कई पहलुओं में सुधार किया जा सकता है।
अंत में श्री जायसवाल द्वारा पाठ्य विषय वस्तु से संबंधित अच्छे वीडियो बनने पर जोर देते हुए कहा कि वीडियो बनाते समय वीडियो की क्वालिटी और ऑडियो की स्थिति का ध्यान रखें। वीडियो संपादन हेतु सॉफ्टवेयर का उपयोग करें टेक्स्ट, ग्राफिक्स को अच्छे साउंड ट्रैक का उपयोग करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा करें।
प्रारंभिक स्तर में जिला स्तरीय पीयर ग्रुप मेधा के संयोजन हेतु उन्होंने विवेक शर्मा एपीसी पेडागोजी एवं सेकेंडरी स्तर पर प्रतिष्ठा शुक्ला एपीसी को अधिकृत किया।
बैठक मैं विवेक शर्मा के अतिरिक्त ममता साहू, पवन कुमार सिंह, मनोज कुमार साहू, उषा शर्मा, प्रज्ञा सिंह, संगीता चंद्राकर, मंजू सिंह, खिलेश वर्मा, सुशील सूर्यवंशी, अनुपम अग्रवाल, नीलू महिकवार, राजकुमार चंद्राकर, आर उमा, सरोजिनी बघेल , किशोर तिवारी, इंदु सोनकर, पारुल पांडे विभू दुबे, प्रीति पंसारी, नीलिमा श्रीवास्तव, पवन कुमार मंडावी, नंदा देशमुख, सिद्धार्थ सिंह भुआल, शारदा खेवार, नंदनी देशमुख, सुमन प्रधान, नीलम चंद्र ताम्रकार ,कैलाश सिंह, सूर्यकांत हरदेल, कैलाश नागवंशी, शिल्पी मंडल, कामता साहू, आदित्य नारायण वर्मा , पवन कुमार मांझी ,नवीन कुमार भारद्वाज एवं अनिल थारवानी सहित कुल 50 शिक्षक उपस्थित थे।