बस्तर में संगीनों के साये में चुनाव कराना हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है। लेकिन हर बार की तरह इस बार फिर बुलेट पर बैलेट की जीत हुई। बस्तर में शांतिपूर्ण चुनाव कराने का जितना श्रेय तैनात सुरक्षाकर्मियों को जाता है, इतना ही योगदान मतदानकर्मियों के हिस्से आता है। जोखिमों के बीच मतदानकर्मियों ने जिस दिलेरी से अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह किया, उसे पूरा बस्तर आज सलाम कर रहा है।

हालांकि चुनाव पूर्व नक्सलियों के जो मंसूबे दिख रहे थे, उसे देखकर हर कोई आशंकित था। खासकर 6 नवंबर को पोलिंग पार्टी पर जिस तरह से नक्सलियों ने IED ब्लास्ट किया, उसके बाद तो जोखिम और भी बढ़ गया था। लेकिन कांकेर में हमले का शिकार हुई पोलिंग पार्टी गजब का साहस किया। इस पार्टी ने बिना डरे ना सिर्फ चुनाव संपन्न कराया, बल्कि बल्कि पिछली बार की तुलना में ज्यादा मतदान उन क्षेत्र में कराया।

अपनी जिम्मेदारी से बढ़कर मतदानकर्मियों ने किया काम

दरअसल 6 नवंबर को सुरक्षाकर्मियों की निगरानी में 129 रेंगावही और 130 सावनपुर की पोलिंग पार्टी को रवाना किया गया, लेकिन पोलिंग बूथ पर पहुंचने से पहले ही मतदानकर्मियों के साथ-साथ सुरक्षा बलों पर नक्सली हमला हो गया। IED ब्लास्ट में दोनों पोलिंग पार्टी के पीठासीन अधिकारी घायल हो गये, वहीं एक सुरक्षाकर्मी भी घायल हो गया। इस घटना के बाद घायलों को तत्काल अस्पताल भेजा गया। इधर, कलेक्टर डॉ प्रियंका शुक्ला की चिंता इस बात को लेकर बढ़ गयी, कि आखिर दोनों पीठासीन अधिकारी का रिप्लसमेंट कैसे तैयार किया जाये।

साबित किया, डर का आगे जीत है

दोबारे से पुलिस पार्टी के साथ नये पीठासीन पदाधिकारी को भेजे जाने पर हमले का खतरा था, वहीं देरी होने का भी डर था। ऐसे में कलेक्टर प्रियंका शुक्ला ने उन दोनों पीठासीन पदाधिकारी का रिप्लसमेंट भेजने के बजाय पहले की बनायी टीम को अपग्रेड करने का निर्णय लिया। जिसके मुताबिक रेंगावाही जो मतदान अधिकारी कामदेव टेकाम मतदान अधिकारी -1 थे, उन्हें पीठासीन अधिकारी बनाया गया, ब्रह्मा शोरी जो मतदान अधिकारी 2 थे, उन्हें मतदान अधिकारी 1 बनाया गया, जो मतदान अधिकारी तीन दिनेश गौर थे, उन्हें मतदान अधिकारी दो बनाया गया, जबकि बीएलओ अजीत बोस को मतदान अधिकारी तीन बनाया गया।

उसी तरह से सावनपुर पोलिंग बूथ के लिए मतदान अधिकारी अंकुश भक्त को पीठासीन अधिकारी बनाया गया, जबकि मतदान अधिकारी 2 रामाधीन को मतदान अधिकारी 1, मतदान अधिकारी तीन गरीब राम नेताम को मतदान अधिकारी 2 बनाया गया, जबकि बीएलओ सुखेश दरेंद्र को मतदान अधिकारी तीन बनाया गया।अपनी जिम्मेदारी से एक पद ऊपर की जिम्मेदारी मिलने के बावजूद इन कर्मचारियों ने कमाल काम किया। इन दोनों टीमों ने तो चुनाव बखूबी कराया ही, पिछली बार की तुलना से ज्यादा मतदान भी कराये। पोलिंग बूथ 129 रेगावाही में जहां – 2018- 57.12% वोटिंग हुई थी, वहीं इस बार 2023 में 63.30%मतदान कराकर ये टीम लौटी, वहीं 130 सावनपुर में जहां 2018- 68.41% वोटिंग हुई थी, इस बार 2023 में 71.11%  मतदान हुआ।

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