स्वर्णप्राशन के प्रति लोगों को जागरूक करने पाम्पलेट वितरण और स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया
आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय में हर पुष्य नक्षत्र तिथि में 0-16 वर्ष के बच्चों को कराया जाता है स्वर्णप्राशन
बच्चों के व्याधिक्षमत्व, पाचन शक्ति, स्मरण शक्ति, शारीरिक शक्तिवर्धन एवं रोगों से बचाव के लिए शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय रायपुर में आज 1480 बच्चों को स्वर्ण अमृत प्राशन कराया गया। आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय के कौमारभृत्य विभाग द्वारा हर पुष्य नक्षत्र तिथि में शून्य से 16 वर्ष के बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया जाता है। महाविद्यालय के चिकित्सकों डॉ. नीरज अग्रवाल और डॉ. लवकेश चन्द्रवंशी ने स्वर्णप्राशन के लिए आए बच्चों के स्वास्थ्य का परीक्षण भी किया।
शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय परिसर में प्राचार्य प्रो. डॉ. जी.आर. चतुर्वेदी, चिकित्सालय अधीक्षक प्रो. डॉ. प्रवीण कुमार जोशी और कौमारभृत्य विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. नीरज अग्रवाल के निर्देशन में स्वर्णप्राशन कराया गया। स्वर्णप्राशन समन्वयक डॉ. लवकेश चन्द्रवंशी ने बताया कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए यह काफी लाभदायक है।
महाविद्यालय के स्नातकोत्तर एवं स्नातक छात्र-छात्रएं हर महीने इसमें महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय द्वारा इस वर्ष की अन्य पुष्य नक्षत्र तिथियों 9 जनवरी को 831, 4 फरवरी को 1124, 3 मार्च को 1137, 29 मार्च को 1290, 27 अप्रैल को 860, 24 मई को 835, 20 जून को 1012, 18 जुलाई को 1145, 14 अगस्त को 1188, 10 सितम्बर को 1140, 7 अक्टूबर को 1270, 4 नवम्बर को 1261 और 1 दिसम्बर को 1245 बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया गया था।