ये दुनिया रहस्यमय और विचित्रता चीजों से भरी हुई है, जिनके बारे में लोगों को सुनकर हैरानी होती है। आज हम आपके सामने एक ऐसे गांव की कहानी प्रस्तुत कर रहे हैं, जहां लोग घरों की जगह घोंसलों में रहते हैं। जी हां, यह बिलकुल सच है। यह गांव कंदोवन अपनी अनोखी परंपरा और विचित्र जीवनशैली के लिए दुनिया में प्रसिद्ध है।
घोंसलों में रहते है गाँव के लोग
इस गांव की खासियत यहां के आदिवासी समुदाय की अनूठी दिनचर्या और रहन-सहन में है। घरों की बजाय, यहां के लोग घोंसलों में रहते हैं, जिन्हें वे अपनी सांस्कृतिक और जीवन-शैली का हिस्सा मानते हैं। इस अनूठे तरीके से आवास करने की वजह से यह गांव न केवल देशभर में, बल्कि विश्वभर में भी प्रसिद्ध है।
कंदोवन गांव में लोग बिल्कुल पक्षियों की तरह मिट्टी के घोंसलों में रहते हैं। इस अद्भुत गांव का नाम कंदो के बहुवचन से आया है, जिसका अर्थ होता है ‘मधुमक्खियों का घोंसला’। यहां लोग बाँस की छप्परों से बने घरों की जगह घोंसलों में रहते हैं। इन्हीं घोंसलों में यहां के लोगों की जीवनशैली बितती है।
गांव कंदोवन के प्रारंभिक निवासी यहां तपोभूमि की ओर से आकर बसे थे, जिन्हें मंगोलों के हमलों से बचने के लिए दूरदराज़ क्षेत्र में घोंसलानुमा घर बनाने का विचार आया था। यह रहस्यमय गांव अपनी अनूठी जीवनशैली के लिए जाना जाता है और यहां के लोग 700 सालों से घोंसलानुमा घरों में रहते आ रहे हैं।